सिनेमा, सेना और सच्चाई... जब-जब आई याद, बनाया कुछ शानदार

भारतीय सिनेमा और सेना के शौर्य का एक गहरा संबंध है। शुरुआती दौर से लेकर अब तक भारतीय सेना ने युवाओं को काफी प्रभावित किया। वहीं, फ़िल्में भी युवाओं को प्रभावित करती हैं। एक सपना है, जो भारतीय युवा अक्सर देखता है कि वह सेना की वर्दी में हो। इस वर्दी वाले सपने को कई बार पर्दे कहानी के रूप में बुना गया है। जब-जब सिनेमा में सेना को सिनेमाई आकार दिया गया, तब-तब कुछ शानदार फ़िल्में सामने आईं। कुछ ने नेशलन अवॉर्ड जीता, तो कुछ ने लोगों का दिल। 


पूरी हकीकत और थोड़ा-सा फ़साना


भारत आजादी के बाद से युद्ध का शिकार रहा है। उसे हमेशा जबरन युद्ध में झोंका जाता रहा। आजादी के बाद से सिनेमा पर इसका असर साफ़ नजर आता है। फ़िल्में हकीकत बयां करती हैं। कुछ 'हकीकत' चेतन आनंद ने भी दिखाई। साल 1965 में धर्मेंद्र की हकीकत में इंडो-चाइना वॉर दिखाया गया। यह वह दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज़ में 'जरा याद उन्हें भी कर लो' लोगों को इमोशनल कर रहा था। 


गोविंद निहलानी  से जेपी दत्ता तक


आर्ट फ़िल्मों के लिए अपनी पहचान बनाने वाले गोविंद निहालनी ने भी आर्मी को कैमरा चलाया। 1982 में उन्होंने विजेता बनाई। आर्मी बेस्ड फ़िल्मों को नया आयाम देने का काम जेपी दत्ता ने किया। 1971 में हुए इंडो-पाक वॉर और कारगिल दोनों को जेपी ने फ़िल्माया। जेपी के पास उस वक्त के सबसे शानदार अदाकारों की फौज़ थी। इन सबके मुखिया थे सनी देओल। सनी देओल ने कई आर्मी बेस्ड फ़िल्में कीं। इसमें सबसे ख़ास थी, साल 1997 में आई बॉर्डर। इस फ़िल्म के हिस्से एक नेशनल अवॉर्ड भी आया। जेपी सनी देओल, अजय देवगन, सैफ़ अली ख़ान, सुनील शेट्टी समेत कई बड़े स्टार्स को एक पर्दे के नीचे लेकर आए। जेपी ने साल 2003 में एलओसी कारगिल बनाई, जो अपने समय की सबसे लंबी फ़िल्मों में से एक थी। 


उरी में हुई द सर्जिकल स्ट्राइक 


जेपी दत्ता के बाद कई डायरेक्टर्स ने एक के बाद वॉर और सेना को ध्यान में रखते हुए फ़िल्में बनाईं। कुछ में सेना के बैकग्राउंड का इस्तेमाल किया गया, तो कुछ सच्ची घटना पर आधारित रहीं। इनमें लक्ष्य, टैंगो चार्ली, 1971 और हॉलीडे जैसी फ़िल्में शामिल रहीं। साल 2019 में फिर एक नया दौर आया। इस बार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी उरी द सर्जिकल स्ट्राइक आयी। इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस भी लूटा और दो नेशनल अवॉर्ड भी। 


पिक्चर अभी बाकी है- 


अभी कई फ़िल्में आना बाकी है। आइए जानते हैं...


सैम (फील्ड मार्शल रहे सैम मानेकशॉ के जीवन पर)- विक्की कौशल


शेरशाह (कारगिल वॉर के दौरान हीरो बने विक्रम बत्रा पर आधारित)- सिद्धार्थ मल्होत्रा


गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल (गुंजन सक्सेना पर आधारित)- जाह्नवी कपूर 


भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया (1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एयरफोर्स के ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले विजय कार्णिक पर आधारित)- अजय देवगन


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